नेत्र हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यदि आप कम्प्यूटर काम करते हैं, अधिक देर तक मोबाईल यूज करते हैं या TV देखते है तो इन मे थकान होने लगती है।
आंखों को थका देने वाले काम लगातार करते रहने से दृष्टि पर बुरा प्रभाव पड़ता है और धीरे धीरे नेत्र दृष्टि (Eye-Site) कम हो जाती है। इसलिए नेत्रों को आराम देना चाहिए। इनको को स्वस्थ रखने के लिये नियमित योग व नेत्र-व्यायाम (एक्सरसाईज) करें।
योग : आंखों के लिए, कैसे करे?
नियमित योगाभ्यास शरीर पर सर्वांगीण प्रभाव डालता है।यह नेत्र तथा नेत्र दृष्टि को भी प्रभावित करता है। इस के लिये आसन व प्राणायाम लाभदायी होते हैं। पहले आसन व प्राणायाम करें। उसके बाद नेत्र व्यायाम करें।
आंखों के लिये योग आसन :
आंखों की नेत्र-दृष्टि बढाने के लिये आसन प्रभावी क्रिया है। अत: नेत्र-दृष्टि को सुरक्षित रखने के लिये नियमित योगासन करें। इन को स्वस्थ रखने वाले कुछ मुख्य आसन इस प्रकार हैं :--
- हस्त पादोत्तान आसन
- शशांक आसन
- सर्वांग आसन
- शीर्ष आसन
- हलासन
आंखों के लिये प्राणायाम :
इस के लिये प्राणायाम भी एक प्रभावी क्रिया है। नेत्र दृष्टि को सुरक्षित रखने के लिये नियमित प्राणायाम करें। कुछ लाभकारी प्राणायाम इस प्रकार हैं :--
- कपालभाति
- अनुलोम विलोम
- भ्रामरी प्राणायाम
- नाड़ी शोधन
जलनेति क्रिया :
जलनेति आंखों के लिये लाभदायी क्रिया है। इस क्रिया को नासिका शुद्धि के लिये किया जाता है, लेकिन यह नेत्र-दृष्टि के लिए भी प्रभावी क्रिया है।
विधि :- जलनेति की विधि सरल है। इसके लिये एक नालीदार 'जलनेति-लोटा' (Jalneti-pot) ले। उसमे थोड़ा गुनगुना (हल्का-गरम) पानी ले। पानी मे थोड़ा सा सादा नमक मिलाएं। इस क्रिया को करते समय श्वास नासिका से न ले। पूरी क्रिया मे श्वास केवल मुंह से ही लें।
- Jalneti-Pot की नली को दाईं नासिका से लगाएं और दांई नासिका मे पानी जाने दे। पानी को बांई नासिका से बाहर आने दें।
- Jalneti-Pot को हटाएं। नासिका मे गये पानी को सिनकते हुए बाहर निकाले।
- यही क्रिया बांई नासिका से करें।
आंखों के लिये एक्सरसाईज (नेत्र व्यायाम)
योगाभ्यास के बाद नेत्र व्यायाम अवश्य करें। इन क्रियाओं से आँखें स्वस्थ रहती हैं। नेत्रों की थकान दूर होती है। नेत्र दृष्टि की वृद्धि होती है।
नेत्र त्राटक :
इस क्रिया मे बिना पलक झपकाएं दृष्टि को एक बिन्दु (Point) पर टिकाना है।
- योगाभ्यास करने के बाद बिछे हुए आसन (Seat) पर पद्मासन, सुखासन या किसी भी आरामदायक स्थिति मे बैठें। नीचे नही बैठ सकते हैं तो कुर्सी पर बैठें।
- बन्द आंखों को खोलते हुए दृष्टि को दूर किसी एक लक्ष्य (Point) पर टिकाएं और कुछ देर तक बिना पलक झपकाए लगातार देखते रहें। कुछ देर स्थिति मे रुकें। कुछ देर रुकने के बाद पलकों को बन्ध करें।
- पलकों को खोलें। एक बार फिर वही क्रिया दोहराएं। बिना पलक झपकाएं point पर दृष्टि टिकाएं। स्थिति मे कुछ देर रुकने के बाद, पलकों को कोमलता से बन्द करें। आये हुए तनाव के दूर होने के बाद आंखों को खोलें। और आगे की क्रिया करें।
ऊपर-नीचे देखने का अभ्यास :
- गर्दन को स्थिर रखते हुए दृष्टि ऊपर की ओर ले जाएं।अधिकतम ऊपर की ओर देखें। माथे को देखने का प्रयास करें। कुछ देर यहां रुकें।
- धीरे-धीरे सामने देखते हुए दृष्टि नीचे ले जाएं और नाक को देखने का प्रयास करें। कुछ देर नासिका के अग्र भाग (Nose-Point) को देखते हुए रुकें।
- दृष्टि सामने ला कर पलकों को कोमलता से बन्द करें। आंखें खोले। यही क्रिया दोहराते हुए दूसरी आवर्ती करें। दूसरी आवर्ती करने के बाद आँखें कोमलता से बन्ध करें। आये हुए तनाव को दूर करें।
दांए-बांए देखने का अभ्यास :
- आये हुए तनाव को दूर करने के बाद धीरे से आँखें खोले और गरदन को स्थिर रखते हुए अधिक से अधिक दांई तरफ देखने का प्रयास करें। दांई तरफ देखते हुए रुकें।
- धीरे-धीरे सामने देखते हुए दृष्टि बांई तरफ ले जाएंऔर अधिक से अधिक बांई तरफ देखने का प्रयास करें। स्थिति मे कुछ देर रुकें। कुछ देर रुकने के बाद आँखें कोमलता से बन्द करे। आये हुए तनाव को दूर करें।
- आँखें खोलें। यही क्रिया दुबारा दोहराएं और दूसरी आवर्ती करे। दूसरी आवर्ती करने के बाद आँखें कोमलता से बन्ध करें। आये हुए तनाव को दूर करें।
- पुतलियों को गोलाई मे घुमाने का अभ्यास करने के लिए आँखें खोलें। गरदन को स्थिर रखते हुए, दृष्टि ऊपर ले जाएं और आँख की पुतलियों को क्लाॅकवाईज घुमाये।सामने देखते हुए आँखे बन्द करें, तथा आये हुए तनाव को दूर करें।
- आँखें खोले और विपरित दिशा मे पुतलियों को घुमाये। चक्र पूरा होने के बाद आँखें कोमलता से बन्द करें। आये हुए तनाव को दूर करें।
अंधेरे मे देखना (पामिंग)।
- दोनो हथेलियों को कटोरे नुमा बनाये। दोनो हथेलियों से आंखों को ढक ले। पलकों को खोले और अंधेरे मे देखने का प्रयास करें।
- धीरे से वापिस आ जाये। दोनो हथेलियां आपस मे रगड़े। हथेलियों मे आई ऊर्जा को नेत्रों पर धारण करें।
दिन मे काम करते समय क्या करे?
- दिन मे कम्प्यूटर पर काम करते है तो बीच-बीच मे आंखों को विश्राम अवश्य दे।
- कुछ देर पलकों को बन्द करे, आये हुए तनाव को दूर करेें।
- कोमलता के साथ पलकों पर उंगलियों से रब करे।
- इसी प्रकार मोबाईल व TV देखते समय नेत्रों को विश्राम दे।
यदि आंख का ऑपरेशन हुआ है या पुतलियों की कोई बड़ी परेशानी है तो इस अभ्यास को न करे। नेत्र- चिकित्सक से सलाह लें। यह अभ्यास केवल स्वस्थ नेत्रों के लिये है।
Disclaimer :-
किसी प्रकार के रोग का उपचार करना इस लेख का उद्देश्य नही है। केवल योग-क्रियाओं की जानकारी देना इस लेख का उद्देश्य है। लेख मे बताई गई क्रियाएं केवल स्वस्थ नेत्रों के लिये हैं। नेत्र-रोग की अवस्था मे नेत्र- चिकित्सक की सलाह लें।