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21जून 2022 को पूरे विश्व में आठवाँ योग दिवस मनाया। भारत मे इस आयोजन का विशेष उत्साह रहा। विशेष इस लिये है क्योकि इस वर्ष भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर रहा है। मानवता के लिये योग - आठवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम रही है। यह थीम बहुत ही अर्थपूर्ण है। "मानवता के लिये योग" का क्या अर्थ है, यह इस लेख का विषय है।

विषय सुची :-

  • आठवें योग दिवस की थीम:- मानवता के लिये योग।
  • योग का उद्देश्य।
  • योग के विषय मे गलत धारणाएँ।
  • योग का सम्बंध भारत से।
  • योग दिवस के लिये भारत का योगदान।
  • योग दिवस की तैयारी भारत में।
आठवाँ योग दिवस

आठवाँ विश्व योग दिवस व इसकी थीम।

प्रति वर्ष की तरह आठवाँ योग दिवस भी पूरे विश्व मे उत्साह से मनाया गया। योग को 2014 मे UN द्वारा मान्यता दी गई। पूरे विश्व ने पहला अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21जून, 2015 को मनाया था। आठवाँ योग दिवस 21जून 2022 को मनाया गया।

(देखें :- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्व तथा इतिहास)

आठवें योग दिवस की थीम रही है :- मानवता के लिये योग। इस योग दिवस की यह थीम बहुत अर्थपूर्ण व महत्वपूर्ण है। इस थीम का क्या अर्थ है, इस विषय पर लेख मे आगे चर्चा करेंगे।

मानवता के लिये योग।

योग मानव मात्र के लिये है। यह सब के लिये है। यह मानवता के लिये तथा मानव-कल्याण के लिये है। योग जाति, धर्म व देश मे कोई भेदभाव नही करता है। यह स्वास्थ्य के लिये एक उत्तम क्रिया है। योग सरल है, सुरक्षित है तथा विज्ञान सम्मत विधि है।

योग को सरलता से किया जा सकता है। इसे  सभी आयु वर्ग के व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते हैं। योग दिवस पर नये लोगो को यही प्रेरणा दी जाती है।

योग का उद्देश्य।

योग का उद्देश्य है :- सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया। अर्थात् विश्व मे सभी लोग सुखी रहे और निरोग रहें। योग पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। यह किसी धर्म या जाति का विरोध नही करता है। यह किसी धर्म विशेष का प्रचार या प्रसार नही करता है। योग कोई पूजा पद्यति भी नही है। यह केवल शरीर को स्वस्थ रखने की एक विधि है।

योग के विषय मे गलत धारणाएँ।

आज के समय मे पूरा विश्व योग को सहर्ष अपना रहा है।लेकिन कुछ समय पहले योग के विषय मे कुछ लोगों के मन मे गलत धारणाएँ थी। वे लोग योग को केवल साधु सन्यासियो की क्रिया मानते थे। कुछ धर्म विशेष के धार्मिक व्यक्ति इसे केवल हिन्दु धर्म के लिये मानते थे। लेकिन अब वे धारणाएँ समाप्त हो चुकी है। आज सभी वर्ग व धर्मों के व्यक्ति योग करते है।

यह सही है की योग मूलत: आध्यात्मिक क्रिया है। लेकिन यह किसी धर्म या पूजा पद्यति को प्रचारित नही करता है।यह किसी की धार्मिक मान्यताओ का विरोध भी नही करता है। यह केवल शरीर को स्वस्थ रखने की क्रिया है। अत: इसे आध्यात्म और स्वास्थ्य दोनो के लिये किया जा सकता है।

योग का सम्बन्ध भारत से।

विश्व के लिये 'योग' भारत की देन है। यह प्राचीन भारतिय जीवनशैली है। आरम्भ मे यह ऋषियो व योगियो तक सीमित था। लेकिन बाद मे महर्षि पतंजलि ने इसे सूत्रों द्वारा सरलता से परिभाषित किया। सरल भाषा मे आम लोगो तक पहुँचाया। 

विश्व योग से अपरिचित था। विश्व को योग से परिचित करवाने के लिये भारत के कई योगी व सन्यासी प्रयास करते रहे हैं। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस भी ऐसा ही एक प्रयास है।

योग दिवस के लिये भारत का योगदान।

योग दिवस को UN से मान्यता दिलवाने का श्रेय भारतिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को दिया जाता है। वे स्वयं योग मे विशेष रुचि रचते हैं। उन्होने UN मे सभी देशो को मानवता के लिये योग का महत्व समझाया। 27 सितम्बर 2014 को UN मे योग दिवस का प्रस्ताव रखा। 11दिसम्बर 2014 को इसे मान्यता दी गई।

योग दिवस की तैयारी भारत में।

आठवें योग दिवस के आयोजन हेतू भारत मे विशेष तैयारियाँ चल रही हैं। इस वर्ष भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस वर्ष भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर रहा है। इस लिये यहाँ आठवे योग दिवस का विशेष उत्साह है।
"आजादी अमृत महोत्सव" के अवसर पर योग दिवस के मुख्य आयोजन 75 स्थानो पर किये जा रहे हैं। इन आयोजनो मे भारत सरकार के मंत्री, सुप्रसिद्ध योगी तथा देश के कई गणमान्य व्यक्ति सम्मिलित होंगे। इन आयोजनो मे श्री नरेन्द्र मोदी जी की विशेष उपस्थिति रहेगी।

सारांश :-

21जून 2022 को आठवाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस की थीम है :- मानवता के लिये योग। यह बहुत सार्थक थीम है। इस का अर्थ है कि "योग"  मनवता के कल्याण के लिये है। योग सभी वर्ग, धर्म व देशों के लिये है। इसका उद्देश्य मानव-स्वास्थ्य है।

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