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क्या वृद्ध व्यक्ति (Senior Citizens) भी योग कर सकते हैं? प्राय: यह प्रश्न उन Senior citizens के मन मे उठता है जो अपनी युवा अवस्था मे योग नही कर सके। यह आर्टिकल उन Senior citizens के लिए है। योग-बुजुर्गो, वृद्धों के लिए। yoga for senior citizens क्या है? क्या योग उनके लिए लाभदाई है? योग करते समय क्या सावधानी रखें? यह सब इस लेख मे बताया जायेगा।

बुजुर्गो, वृद्धों के लिए योग। Senior citizens Yoga.

युवा अवस्था से योग करते आ रहे Senior citizens को वृद्धावस्था मे योग करते समय कोई परेशानी नही होती है। वे जानते हैं कि आसन व प्राणायाम कैसे करना है और कितना करना है। 

लेकिन अन्य Senior citizen जो अब  वृद्धावस्था में योग करना चहाते हैं, क्या वे योग कर सकते है? इसका उत्तर है-- हाँ, वे बिलकुल कर सकते है लेकिन कुछ सावधानियों के साथ।

सावधानियाँ Senior Citizens के लिए।

सिनियर सिटिजन्स योगाभ्यास में कुछ सावधानियों को ध्यान में रखें। शारीरिक क्षमता व अवस्था के अनुसार ही योग करें।

सावधानियाँ :-

  • योग सब के लिए है। युवा-वृद्ध,स्त्री-पुरुष सब योग कर सकते हैं। लेकिन वृद्धावस्था मे योग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें।
  • आरम्भ मे योगाभ्यास किसी प्रशिक्षक के निर्देशन मे करें। बाद मे स्वयं कर सकते हैं।
  • अपने प्रशिक्षक को अपनी शारीरिक स्थिति के बारे मे अवश्य बताएँ।
  • योग करते समय अपने शरीर की क्षमता का ध्यान रखें।
  • अपने शरीर के साथ बल प्रयोग न करे।
  • सरलता पूर्वक और आसानी से योगाभ्यास करें।

सावधानी आसन में।

आसन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें।
  • स्नान करने के बाद ही आसन करें। यदि किसी कारणवश बिना स्नान किये आसन करते है तो आसन करने के तुरंत बाद स्नान न करें। एक या आधा घण्टा बाद ही स्नान करें।
  • कठिन आसन न करे। केवल सरल आसन ही करें। कठिन आसन हानिकारक हो सकते हैं। सरल आसन लाभदायी होते हैं। जिस आसन को करने मे सुख अनुभव हो, वह आसन अवश्य करें। आसन की पूर्ण स्थिति मे जाने के लिये अधिक बल प्रयोग न करें।
  • आसन करने से पहले सूक्ष्म-आसन करें।
  • अधिक वृद्ध व्यक्ति, हृदय रोगी तथा अस्थमा पीङित व्यक्ति केवल टहलने का या सूक्ष्म-व्यायाम करें। धीरे धीरे हाथों और पैरो को घुमाना, हाथों की मुट्ठियाँ बंद करना खोलना, आसन पर खङे-खङे जोगिंग करना। ये सूक्ष्म-व्यायाम हैं।
  • खङे होकर आसन करने के बाद बैठ जाये। विश्राम करने के बाद कुछ आसन बैठ कर तथा लेट कर भी करें।

सावधानी प्राणायाम में।

  • केवल सरल प्राणायाम करें। कठिन प्राणायाम न करें। सरलता से किये गये प्राणायाम लाभदायी होते हैं।
  • अपने श्वासों की स्थिति को ध्यान मे रखें। श्वासों की स्थिति ठीक नही है तो 'कुम्भक' न लगाएँ। (श्वास को अंदर या बाहर रोकने की स्थिति को 'कुम्भक' कहा जाता है)
  •  प्राणायाम के बाद कुछ देर के लिए आँखे बंद करके 'ध्यान' (Meditation) अवस्था में बैठें।

आसन कोन से करें?Asana for senior citizens.

प्रत्येक Senior Citizen की शारीरिक स्थिति अलग-अलग होती है। इस अवस्था मे कुछ रोग भी हो जाते है। 

इसलिये आसन करते समय इन सब बातों को ध्यान में रखें। यदि शरीर मे किसी प्रकार का ऑपरेशन हुआ है तो आसन करने से बचें। 

ऐसे वृद्ध व्यक्ति जो किसी गम्भीर बिमारी से पीङित नही है वे इन आसनो को कर सकते हैं।              

"आसन" खङे हो कर।

  • बिछे हुये आसन पर खङे हो जाँये।
  • पैरो को बारी-बारी उठाएँ, जोगिंग करे।
  • हाथों को बारी-बारी घुमाये।
  • हाथो को सामने फैलाएँ। मुट्ठियाँ कसके बंद करे और खोलें।
  • दोनो हाथ कमर पर रखें, दोनो पैरो मे थोङा फासला रखे। गरदन को धीरे धीरे आगे पीछे, दाँये-बाँये घुमाये।
  • त्रिकोण आसन करे।

 त्रिकोण आसन :-

  • दोनों पैरों मे थोङा फासला (गैप) रखे। दोनो हाथ सीधे कमर के साथ रखें।
  • दाँया हाथ ऊपर उठाँये, बाँया हाथ कमर के साथ रखे। दाँये हाथ को सिर के साथ रखते हुये बाँयी तरफ झुके।
  • वापिस आये। दाँया हाथ नीचे ले आये।
  • बाँया हाथ ऊपर उठाये। बाँये हाथ मे खिचाव रखते हुए दाँयी तरफ झुके।
  • धीरे-धीरे वापिस आये।

बैठ कर किये जाने वाले आसन।

आसन पर पैर फैला कर बैठ जाएँ। हाथों को पीछे टिका कर गर्दन को ढीला छोङ दें। कुछ देर विश्राम करें। बैठ कर किये जाने वाले आसन ये हैं :-

 1. कटिचक्रासन। 

दोनो पैरों को अधिकमतम दूरी पर खोल लें। कमर से झुकते हुए बारी-बारी दाँये हाथ से बाँये पैर और बाँये हाथ से दाँये पैर का पँजा छूने का प्रयास करे। दूसरा हाथ कमर के पीछे ले जाँये।

सावधानी :-- कमर से झुकते समय अपनी क्षमता का ध्यान रखे। जितना झुक सकते हैं उतना ही झुकें। अधिक प्रायास न करें।

कमर, पीठ या रीढ की परेशानी मे यह आसन न करें। यदि पेट मे हार्निया, गम्भीर आँत रोग या कोई सर्जरी हुई है तो यह आसन न करें।

 2. तितली आसन।

घुटने मोङ कर दोनों पैरो के पँजे जोङ ले और हाथों से पँजो को पकङे। एङिया मध्य भाग के पास ले आँये और घुटनो को ऊपर-नीचे हिलाये।

सावधानी :-- यदि घुटने मोङने मे परेशानी है तो यह आसन न करे।

3. वज्र आसन।

यह भी एक सरल आसन है। इस आसन के करने से पैरो की पिंडली और जंघाओ की नाडियाँ प्रभावित होती है, पैरों की थकान दूर होती है। इस आसन को भोजन करने के बाद भी किया जा सकता है। दिन मे जब कभी पैरो मे थकान अनुभव हो तो कुछ देर इस पोज मे बैठे।

इस आसन को करने के लिए घुटने मोङ कर बैठें। घुटने मिला कर रखे खुली एडियों के बीच मे मध्य भाग टिका कर बैठे। पीठ व गरदन को सीधा रखें। दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।

(वज्रासन की पूरी विधि देखें--वज्रासन कैसे करें? 

यह आसन बहुत लाभकारी है। इस आसन को आप दिन मे कभी भी कर सकते है। भोजन करने के बाद इस आसन मे बैठने से पाचन शिघ्र होता है।

सावधानी--यदि घुटने मोङने मे कोई परेशानी है, घुटने या पैर का ऑपरेशन हुआ है तो इस आसन को न करें।

इस आसन मे अधिक देर तक न बैठें, सुविधा के अनुसार ही बैठें।

 4. शशाँक आसन।

"वज्रासन" की स्थिति मे बैठें। दोनों हाथ घुटनों पर रखें। धीरे-धीरे दोनो हाथ ऊपर उठाएँ। हाथ ऊपर पहुचने के बाद हाथों मे ऊपर की ओर खिचाव रखें। 

धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकें, माथा घुटनों के पास ले जाएँ और कोहनियाँ मोडते हुए हथेलियाँ नीचे टिका कर रुकें।

सुविधा के अनुसार रुके और वापिस आने के लिए धीरे-धीरे ऊपर उठे। वज्रासन की स्थिति मे आ जाएँ।

सावधानी :- यदि आप को आगे झुकने मे कोई परेशानी है तो अधिक न झुकें।

पेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसन।

बैठ कर आसन करने के बाद सीने के बल लेट जाएँ। स्थिल आसन मे आ जाएँ। इसके लिए सीने के बल लेटे, दाँया हाथ और दाँया पैर सीधा तथा बाँया हाथ और बाँया पैर मोङ कर रखे। कुछ देर विश्राम करे।

1. भुजंग आसन।

स्थिल आसन मे विश्राम करने के बाद भुजंग आसन की स्थिति के लिए दोनो पैर सीधा कर ले। कोहनियाँ मोङ कर हथेलियाँ कानो के साथ दाँये-बाँये रखें। माथा आसन से लगा कर रखें। धीरे से पहले सिर को ऊपर उठाएँ। इसके बाद सीना ऊपर उठाएँ। स्थिति मे कुछ देर रुकने के बाद धीरे से वापिस आ जाएँ।

वापसी के लिए धीरे-धीरे पहले सीना और बाद मे माथा नीचे टिकाएँ। स्थिल आसन बाँयी तरफ से। विश्राम करे।

सावधानी :- यदि रीढ से सम्बंधित को परेशानी है तो यह आसन न करें।

2. शलभ आसन।

पैरों को सीधा करे। दोनों हाथों को पैर की जंघाओ के नीचे रखें। घुटने सीधे रखते हुए दोनो पैर उठाएँ। यथा शक्ति रुकने के बाद वापिस पैरो को धीरे से नीचे रखे। स्थिल आसन मे विश्राम करे।

सावधानी :-- अधिक वृद्घ व्यक्ति इस आसन को न करे। केवल स्थिल आसन करें।

यदि आँत कमजोर है, गम्भीर आँत रोग है तो यह आसन न करें।

पीठ के बल किये जाने वाले आसन।

धीरे से करवट बदलते हुए पीठ के बल आ जाएँ। पैर खोल कर कुछ देर विश्राम करें। कुछ सरल आसन इस स्थिति मे करें।

1. मर्कट आसन।

यह आसन बहुत ही सरल आसन है। इसके करने से पाचन शक्ति बढती है। कब्ज दूर होती है।

विधि :-- दोनो पैर मोङ ले। दोनों हाथ कन्धों की सीध मे फैलाएँ। श्वास भरते हुए दोनो घुटने दाँयी ओर ले जाएँ। गर्दन को बाँयी तरफ घुमाएँ। कुछ देर रुकने के बाद घुटने और गर्दन को पहले वाली स्थिति मे ले आये।

श्वास भरते हुए दोनो घुटने बाँयी तरफ और गर्दन दाँयी तरफ ले जाँए। कुछ देर रुकने के बाद वापिस आ जाएँ। इसी तरह दो या तीन आवर्तियाँ करें।

सावधानी :--  यद्यपि यह सरलता से किया जाने वाला आसन है। फिर भी यह ध्यान रखें कि यदि आँत से सम्बंधित कोई गम्भीर बिमारी है तो इस आसन को न करें।

2. पवन मुक्त आसन।

दोनो पैर मोङे और दोनो हाथों से घुटनों को सीने की ओर दबाएँ। सिर को उठाते हुए घुटनो के पास ले जाने का प्रयास करें। कुछ देर रुकें और धीरे-धीरे वापिस आ जाँए। पैर खोल कर विश्राम करे।

सावधानी :-- इस आसन को अपने शरीर की क्षमता के अनुसार करें।

3. शव आसन। 

सभी आसनों के अंत मे शव आसन करें। यह आसन विश्राम करने की स्थिति है।पीठ के बल लेट जाँये। पूरे शरीर को ढीला छोङ दे। ध्यान को अपने शरीर पर केद्रित करें। कुछ देर लेट कर विश्राम करे तथा शरीर पर आये प्रभाव को अनुभव करें।

विशेष निर्देश : ---- वृद्धावस्था में प्रत्येक Senior citizen की शारीरिक क्षमता अलग-अलग होती है। इस लिए यह सलाह दी जाती है कि योगाभ्यास करते समय अपने शरीर की क्षमता का ध्यान रखें। 

यदि आप सरल आसन करने की स्थिति मे है तो अवश्य करे। यदि आप आसन नही कर सकते हैं तो सूक्ष्म व्यायाम करे और Walk करें। इसके बाद हल्के प्राणायाम भी करें।

 (यदि योग के सम्बंध मे  कोई प्रश्न या सुझाव है तो आप कमेंट बॉक्स मे संदेश अवश्य लिखें)

Disclaimer :- लेख मे बताये गये सभी आसन स्वस्थ व्यक्तियों के लिये हैं। अस्वस्थ व्यक्ति आसन-प्राणायाम न करें। चिकित्सक से सलाह लें। लेख मे बताये गये नियम व सावधानियों का ध्यान रखें। सभी योग क्रियाएँ अपनी क्षमता के अनुसार करें।

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