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जो व्यक्ति अपने ऑफिस में दिनभर लिखने का काम करते हैं। या पूरा दिन कमप्यूटर-लैपटॉप पर काम करते है उनको कई शारीरिक परेशानियों का सामना करना पङता है। ऑफिस-वर्कर्स (Office-Workers) को प्राय: कमर दर्द, सिर दर्द, गरदन तथा पेट की परेशानियाँ हो जाती है। इस लेख मे बताएँगे योग ऑफिस-वर्कर्स के लिए। Yoga for Office-Wrkers.

इस लेख मे हम यह देखेगे कि इन परेशानियो का क्या कारण है। और योग द्वारा इन सब परेशानियों से कैसे बचा जा सकता है।

विषय सुची :-

  • 'योग'ऑफिस-वर्कर्स के लिए जरूरी क्यों?
  • समय-अभाव के कारण ऑफिस-वर्कर्स योग कैसे करें?
  • काम करते समय सूक्ष्म व्यायाम और सावधानियाँ।

'योग' ऑफिस-वर्कर्स के लिए जरूरी क्यों?

  • वैसे तो योग सब के लिए जरूरी है लेकिन युवा-वर्ग जो ऑफिस-वर्कर है उनके लिए तो योग की अवश्यकता बढ गई है।
  • कई लोग ऑफिस का काम घर से कर रहे है। इस कारण उन की दिनचर्या अव्यवस्थित हो गई है।
  • Work at home करने वाले व्यक्ति अधिकतर सही तरीके से नही बैठते है।
  • गलत तरीके से बैठ कर काम करने से कई शारीरिक परेशानियाँ हो जाती हैं।
  • अधिकतर ऑफिस-वर्कर्स का ड्यूटी टाईम बदलता रहता है। इस कारण उनका खाने का समय तथा सोने का समय अव्यवस्थित हो जाता है।

हमारा युवा-वर्ग चाहे ऑफिस मे काम कर रहा है या ऑफिस का काम घर से कर रहा है उन को योग की बहुत जरुरत है।

(देखें-- योग क्या है?)

योग ऑफिस-वर्कर्स के लिए।

अधिकतर ऑफिस-वर्कर्स का काम करने का समय एक जैसा नही रहता। उनका काम करने का समय बदलता रहता है। इस कारण उनकी दिनचार्या अव्यवस्थित रहती है। ऐसे मे उनका सोने-जागने का और खाने का समय गङबङा जाता है। ऐसे मे क्या योग करना सम्भव है?

ऐसी स्थिति मे ऑफिस वर्कर्स अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग कैसे करें?

योग कैसे करें?

सुबह का समय योगाभ्यास के लिए सही माना गया है। लेकिन यदि आपको रात के समय Office-Work करना होता है तो आप सुबह योगाभ्यास के समय नही उठ सकते। ऐसे मे आप योग कैसे करें? यदि आपके पास पर्याप्त समय नही है तो आप कुछ बातों का ध्यान रखें।

  1. अनुशासन।
  2. खानपान।
  3. लैपटॉप कमप्यूटर का सही प्रयोग।

1. अनुशासन।

कुछ लोग यह सोचते हैं कि केवल आसन और प्राणायाम ही योग है। यह धारणा सही नही है। ध्यान रहे अनुशासन भी योग है। दिनचर्या को अनुशासित करना, योग की ओर पहला कदम है। इस लिए अपनी दिनचर्या को अनुशासित करने पर विशेष ध्यान दें।

  • अपने ऑफिस के कार्य-समय (Office-hours) के अनुसार दिनचर्या निश्चित करे।
  • यदि ऑफिस का समय रात का है तो कुछ बातो का विशेष ध्यान रखें। यदि रात को कुछ खाना है तो हल्का भौजन लें।
  • जिस समय सोकर उठते है, तुरंत नाश्ता न करे।
  • उठने के बाद नित्य क्रिया करने के बाद स्नान करें। और स्नान करने के बाद एक-दो सरल आसन व प्राणायाम करें।
  • जो आसन व प्राणायाम आपको सरल लगें और सुख का अनुभव करायें, केवल उन का अभ्यास अवश्य करें।
  • योगाभ्यास करने के एक या आधा घंटा बाद ही कुछ खाये।

2. खान-पान।

उचित खान-पान भी योग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप रात को Night-hours मे काम करते हैं, और आपको दिन के समय सोना पङता है। इस कारण आपके खान-पान का सैड्यूल बिगङ जाता है। ऐसे मे आपको खान-पान पर विशेष ध्यान रखना होगा।

  • हल्का और सुपाच्य खाना खाएँ।
  • शाकाहार अपनाने का प्रयास करें।
  • खाना खाने के तुरंत बाद न सोए।

3. लैपटॉप, कमप्यूटर का सही प्रयोग।

यदि आपको लैपटॉप या कमप्यूटर पर लगातार काम करना होता है तो ये सावधानियाँ अवश्य रखें।

  • काम करते समय आँखों को विश्राम देते रहें।
  • आँखों को विश्राम देने के लिए बीच-बीच मे कुछ देर के लिए आँखों को स्क्रीन से हटाएँ।
  • पलकों को कोमलता से बन्द करें। बन्द पलकों को कोमलता से दोनो उँगलियो से सहलाएँ।और आँखों की थकान दूर करें। 
  • कमर झुकाकर न बैठें। बैठते समय रीढ को सीधा रखें।
  • आँखों से स्क्रीन की उचित दूरी रखें।
  • सही बैक वाली चेयर पर बैठ कर काम करे
  • बैड पर लेट कर लैपटॉप का अधिक देर तक यूज न करे।

थकान दूर करने के लिए सूक्ष्म व्यायाम करें।

काम करते समय आपके कुछ अंगों मे तनाव आता है। प्रभावित होने वाले अंग है- कन्धे, गरदन, पीठ तथा आँखें। इन अंगो मे आई थकान व तनाव को दूर करने के लिए कुछ सूक्ष्म व्यायाम कर सकते है। ये सूक्ष्म व्यायाम ऑफिस का काम करते समय बीच-बीच मे अवश्य करें। 


कन्धों का तनाव।

  • कन्धों मे आये तनाव को दूर करने के लिए दोनो हाथो को गरदन के पीछे ले जाएँ।
  • गरदन के पीछे दोनो हाथों की उँगलियाँ आपस मे फसाएँ। और दाँये हाथ को बाँयी तरफ खीचे।
  • बाँयी कोहनी को पसली के साथ लगाये।
  • दाँयी कोहनी सिर के पास। दाँयी कोहनी का रुख ऊपर की तरफ।
  • दाँया हाथ को खीचते हुए दाँयी कोहनी पसली के साथ लगाएँ।बाँयी कोहनी का रुख ऊपर की ओर।
  • इस प्रकार दो या तीन आवर्तियाँ करे।

इस क्रिया को करने से कन्धों का तनाव दूर होता है।

गरदन का तनाव।

  • दोनों हाथ गरदन के दाँये बाँये कन्धों पर रखें।
  • गरदन को धीरे धीरे आगे-पीछे झुकाएँ।
  • गरदन को धीरे धीरे दाँये-बाँये झुकाएँ।
  • गोलाई मे घुमाएँ।
  • गोलाई मे विपरीत दिशा मे घुमाएँ।

इस क्रिया से गरदन का तनाव दूर होता है।

सावधानी :-- यदि गरदन मे कोई परेशानी है तो यह क्रिया सावधानी से करे।


पीठ का तनाव।

  • ताङ आसन करें। खङे होकर हाथों को ऊपर करे। हाथों मे ऊपर की ओर खिचाव दे। (अंगङाई लेने जैसी क्रिया)
  • दोनो हाथ कमर पर रखे। कमर से हल्का-सा दाँयी तरफ और बाँयी तरफ झुकें।
  • थोङा सा कमर से पीछे और आगे की ओर झुकें।

अधिक देर तक बैठने के कारण रीढ व कमर मे थकान व तनाव आ जाता है। इस क्रिया से  तनाव दूर होता है।

सवधानी :-- कमर को झुकाते समय यह ध्यान रखे कि कमर मे या रीढ मे झटका न लगे।

आँखों की थकान।

यदि आप लगातार या अधिक देर तक लैपटाप, कमप्यूटर का प्रयोग करते है तो आँखे भी प्रभावित होती हैं।

  • काम करते समय बीच-बीच में आँखों को स्क्रीन से हटकर पलकों को झपकाएँ(बंद करे और खोले)।
  • बंद पलको पर कोमलता से उँगली से घुमाकर सहलाएँ।
  • नेत्र-चिकित्सक से नियमित जाँच करवाते रहे
  • यदि चश्मे की अवश्कता हो तो चिकित्सक से सलाह लें।

लेख साराँश :-

अनुशासन भी योग है। यदि आपके पास समय नही है तो भी आप अपनी दिनचर्या को अनुशासित कर सकते है। काम करते समय आप सूक्ष्म व्यायाम कर सकते हैं।

 Disclaimer :-  

यह लेख चिकित्सा हेतू नही है। योग की जानकारी देना इस लेख का उद्देश्य है। रोग की अवस्था मे चिकित्सक से सलाह लें। कोई भी शारीरिक अभ्यास करते समय अपनी क्षमता का ध्यान रखें।

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