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प्राय: यह पूछा जाता है कि क्या मांसाहारी व्यक्ति योग कर सकते हैं? Yoga and non-vegetarian. इस लेख मे हम यह बताएँगे कि क्या मांसाहारी व्यक्ति योग कर सकते है?

योग और आहार

आहार योग मे बहुत महत्वपूर्ण है। यह शरीर को सीधा प्रभावित करता है। आहार क्या है? यह किस प्रकार शरीर पर प्रभाव डालता है? और क्या माँसाहारी व्यक्ति योग कर सकते है? आईये, इस के बारे में जान लेते हैं।

  • 'योग' और 'आहार' का सीधा संबंध है। योग केवल "आसन, प्राणायाम और ध्यान" ही नहीं है बल्कि संपूर्ण योग "अष्टांग योग" है। 
  • स्थूल शरीर को अन्नमय शरीर कहा गया है। यह शरीर अन्न (आहार) द्वारा पोषित है। इस लिये आहार इसे प्रभावित करता है।
  • योग में भोजन पर अधिक महत्व दिया गया है और बताया गया है कि भोजन शुद्ध और सात्विक होना चहाये। आसन और प्राणायाम तो हमारे शरीर पर प्रभाव डालते ही हैं, लेकिन भोजन भी हमारे शरीर पर गहरा प्रभाव डालता है।

भोजन कितने प्रकार के?

भोजन तीन प्रकार के होते हैं।
  1. सात्विक आहार।
  2. राजसी आहार।
  3. तामसिक आहार।

1. सात्विक आहार।   

यह भोजन शुद्ध शाकाहारी, हल्का और सुपाच्य होता है। इस आहार को लेने से हमारा पाचन तंत्र फिट रहता है। इसमे ताजा भोजन जैसे रोटी, दाल, चावल, हरी सब्जियाँ शामिल है।योग के लिए यह आहार उत्तम बताया गया है।

2. राजसी आहार।

पैकेजिंग फूड, तीखा, मीठा, मसालेदार और तले हुए भोजन को राजसी आहार कहा गया है। यह भोजन खाने मे स्वादिष्ट तो होता है लेकिन यह ना शरीर के लिए गुणकारी है और ना ही पाचनतंत्र के लिए। इस लिए यह आहार भी योग के लिए सही नही कहा गया है।

3. तामसिक आहार।

यह आहार मानव शरीर के लिए पूरी तरह से वर्जित है। माँसाहार भी इसी श्रेणी मे आता है। 

क्या माँसाहारी व्यक्ति योग कर सकते हैं?

इस प्रश्न का उत्तर देने से पहले यह जनना जरूरी है कि मनुष्य मूलत: शाकाहारी है या माँसाहारी?  

 मनुष्य मूलत:शाकाहारी या माँसाहारी?

प्रकृति ने प्रत्येक जीवधारी का आहार निर्धारित किया है। प्रत्येक जीव को पाचन तंत्र उसके आहार के अनुसार दिया है। माँसाहारी पशुओ को पँजों मे नाखून तथा दाँत उनके आहार के अनुसार दिये है। इनका पाचनतंत्र भी इस प्रकार का है कि ये कच्चे माँस को पचा सकते है।

लेकिन क्या मानव-शरीर कच्चे माँस को पचा सकता है? शायद नही। क्योकि प्रकृति ने मनुष्य का पाचन तंत्र माँसाहार के लिए बनाया ही नही है। अत: मनुष्य को शाकाहार ही करना चहाए।

शाकाहारी व मांसाहारी की पहचान क्या है?  

शाकाहारी और माँसाहारी दोनो प्राणियों मे एक फर्क और है। दोनो प्रकार के प्राणियो का पानी पीने का ढंग अलग-अलग है। सभी माँसाहारी प्राणी पानी को अपनी जीभ से चाट कर पीते है लेकिन शाकाहारी ऐसा नही कर सकते।उदाहरण के लिए गाय, भैस आदि शाकाहारी प्राणी पानी को मुँह से खीँचकर पीते है और शेर, कुत्ता, बिल्ली आदि पानी को जीभ से चाट कर पीते हैं। क्या मनुष्य ऐसा कर सकता है?

इसलिए यह कहा जा सकता है कि मनुष्य मूलत: शाकाहारी है। आज हमारे देश मे अधिकतर लोग शाकाहारी हैं। दूसरे देशो मे अधिकतर लोग माँसाहार का सेवन करते है। यह हो सकता है कि सभी देशों की भौगोलिक स्थिति एक अलग प्रकार की होती है। मनुष्य के लिये शाकाहार सम्पूर्ण और उत्तम आहार है।

क्या माँसाहारी व्यक्ति योग कर सकता है?हमारे वे भाई-बहन जो माँसाहार का सेवन करते है, चाहे भारत मे है या दूसरे देश मे, क्या वे योग कर सकते है? 

इसका उत्तर है कि हाँ, बिल्कुल कर सकते हैं।और उनको आसन, प्राणायाम और ध्यान उसी प्रकार करना चहाए जिस प्रकार शाकाहारी व्यक्ति करते हैं। योग से आपको कोई हानि नहीं होगी, लेकिन शाकाहार अपनाने का प्रयास करें।

शाकाहार सम्पूर्ण और उत्तम आहार है। अत: शाताहार को अपनाएँ।

आसन व प्राणायाम कैसे करते हैं, इसके बारे मे जानने के लिये देखें :- योग कैसे करें?

सारांश :-
शाकाहार मनुष्य के लिये उत्तम है। मांसाहारी व्यक्ति (Non-vegetarian) आसन और प्राणायाम कर सकता है। योग से उसे कोई हानि नही होगी लेकिन शाकाहार को अपनाने का प्रयास करें। शाकाहार सम्पूर्ण आहार है, तथा योग के लिए उत्तम है।
   
  (लेख के बारे मे अपने विचार अवश्य साझा करें। प्रश्न और सुझाव आमंत्रित हैं )

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