प्राचीन काल मे योग को आध्यात्म की क्रिया माना जाता था। उस समय यह आश्रमों और गुरुकुलों मे ध्यान साधना के लिये किया जाता था। लेकिन आधुनिक समय में यह स्वास्थ्य लाभ के लिये महत्वपूर्ण हो गया है। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है। यह सरलता से किये जाने वाली क्रिया है। योग को प्रत्येक व्यक्ति सरलता से कर सकता है। नए व्यक्तियों के लिए योग : शुरुआत कैसे करें? Yoga for beginners क्या है? और योगाभ्यास करते समय कोन सी सावधानियों का ध्यान रखें? यह सब इस लेख में आगे विस्तार से बताया जायेगा।
(Read this article in English :- Yoga For Beginners.)
विषय सुची :-
- सरल आसन
- सरल प्राणायाम
- ध्यान
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योग आसन शुरुआती व्यक्तियों के लिये। Yoga for beginners.
योग का अभ्यास सभी व्यक्ति आसानी से कर सकते हैं। योगाभ्यास मे आसन व प्राणायाम अपनी क्षमता के अनुसार करने चाहिये। सभी क्रियाएं सरलता से करें, कोई भी क्रिया बलपूर्वक न करें। योगाभ्यास में पहले "आसन" का अभ्यास करे। आसन के बाद "प्राणायाम" और "ध्यान"(Meditation) का अभ्यास करें।
Beginners के लिए सरल योग :
सरल आसन Beginners के लिए :
सरलता से किये जाने वाले आसन लाभकारी होते हैं। जिस आसन को करने मे सुख का अनुभव हो वही आसन करें। आसन की पूर्ण स्थिति में धीरे-धीरे जाएं। पूर्ण स्थिति मे कुछ देर रुकें। और धीरे-धीरे वापिस आये।
आसन करते समय शरीर के साथ बल-प्रयोग न करें। गम्भीर रोग पीड़ित, अधिक वृद्ध व्यक्ति तथा गर्भवती महिलाएं चिकित्सक की सलाह ले। चिकित्सक की सलाह से सूक्ष्म आसन करें।
आसन कैसे करें?
कपड़े की सीट, मैट या दरी को समतल जमीन मे बिछाएं। बिना आसन बिछाए योगाभ्यास न करें। खाना खाने के तुरंत बाद आसन न करें। सुबह का समय योगाभ्यास के लिये उत्तम होता है। योगाभ्यास इस क्रम से करें :-
खड़े हो कर सुक्ष्म व्यायाम :- आरम्भ में खड़े हो कर कुछ सुक्ष्म व्यायाम करें। हाथों को सामने सीधा करें। कोहनियां मोड़ते हुए कंधे स्पर्श करें, सीधा करे। हाथो को धीरे धीरे घुमाएं। जॉगिंग करते हुए शरीर को वार्म-अप करे। और पीठ के बल लेट जाएं। विश्राम करें।
बैठ कर आसन :
कुछ देर विश्राम करने के बाद दोनो हाथ दांई तरफ रखें और हाथों का सहारा ले कर उठ कर बैठ जाएं। बैठ कर कुछ आसनों का अभ्यास करें।
- दोनो पैरों को अधिकतम दूरी पर खोल ले।
- कमर से झुकते हुए माथा बाएं घुटने के पास तथा दांया हाथ बांए पैर के पास ले जाएं।
- दूसरे हाथ को पीठ के पीछे ले जाएं।
- ऊपर उठे।
- झुकते हुए माथा दांए घुटने पर, बांया हाथ दांए पैर के पास। दूसरा हाथ पीठ के पीछे रखें।
- इस प्रकार बारी बारी माथा और हाथ बांए व दांए घुटने की तरफ ले जाएं। दूसरा हाथ पीठ के पीछे रखें।
- क्षमता के अनुसार 3 या 4 आवर्तियां करें।
- आसन से वापिस आएं। पैरो का अंतर कम करें। पीछे हाथो का सहारा ले कर विश्राम करे।
आरम्भ में माथा माथा घुटने से लगाने का अधिक प्रयास न करें। केवल बांएं और दाएं कमर से झुकते हुए हाथों को घुटने के पास ले जाएं। कमर को अपनी सुविधा के अनुसार ही झुकाएं। अधिक प्रयास न करें।
- दोनो पैर मिलाएं। दोनों हाथ घुटनो पर रखें।
- श्वास भरते हुए हाथों को धीरे से ऊपर उठाएं।
- हाथो को ऊपर की ओर खींचे।
- श्वास को बाहर छोड़ते हुए आगे झुकें। दोनो हाथो व सिर को घुटनो के पास ले जाएं।
- कुछ देर रुकने के बाद श्वास भरते हुए ऊपर उठें।
- हाथों को पीछे टिकाएं। विश्राम करें।
- कमर को अपनी क्षमता के अनुसार झुकाएं। अधिक प्रयास न करें।
- कमर व रीढ की परेशानी वाले इस आसन को न करें।
- आंत के रोगी को यह आसन नही करना चाहिए।
- महिलाओ को मासिक पीरियड्स मे तथा गर्भावस्था मे यह आसन नही करना।
3. वज्रासन :
शुरुआती योग साधकों (Beginners) के लिए यह एक सरल आसन है। यह नये साधकों के लिए एक लाभकारी और सरलता से किया जाने वाला आसन है।
विधि :- दोनो पैर मोड़ कर घुटनों के बल बैठें। घुटने मिला कर रखें। एड़ियां खुली रखे। दोनों एड़ियों के बीच मध्य भाग को टिका कर बैठें। रीढ व गरदन को सीधा रखें। दोनो हाथ घुटनों पर रखें। कुछ देर स्थिति मे रुकें।
सावधानी :- यदि घुटने मोड़ कर बैठने मे परेशानी है तो यह आसन न करें।
सीने के बल लेट कर आसन :
- कोहनियां मोड़ कर हथेलियां सिर के दांए बांए रखे।
- माथा नीचे आसन के पर लगा कर रखें।
- दो पैर मिला कर रखें। पंजे सीधे रखें।
- धीरे से सिर को ऊपर उठाएं।
- सिर ऊपर उठाने के बाद सीना ऊपर उठाएं। सीना ऊपर उठते समय हाथो पर दबाव कम डाले। रीढ के सहारे ऊपर उठने का प्रयास करे।
- कुछ देर रुके। और धीरे धीरे वापिस आएं।
- पहले सीना और उसके बाद माथा नीचे टिकाएं।
- विश्राम बांई करवट से करे। बांया कान नीचे, बांए हाथ व पैर सीधे, दांये हाथ व पैरो को मोड़ कर रखें।
- सीने के बल लेटें।
- दोनों हाथ जंघाओं के नीचे रखें।
- हथेलियां ऊपर की ओर रखें।
- ठुड्डी को आसन से लगाएं।
- पंजे खिंचे हुए, घुटने सीधे रखते हुए दोनो पैर थोड़ा सा ऊपर उठाएं। स्थिति मे कुछ देर रुकें।
- वापसी के लिए धीरे से पैरो को नीचे टिकाएं।
- विश्राम दांईतरफ से करें।
पीठ के बल लेट कर आसन करे
- दोनो पैरों को मोड़ कर एड़ियां मध्य भाग से लगाएं।
- दोनो हाथ दांए-बांए कंधो से सीधे करे।
- श्वास भरें। मिले हुए घुटने दांई तरफ और गर्दन को बांई तरफ घुमाएं।
- श्वास छोड़ते हुए घुटने व गरदन वापिस ले आये।
- फिर श्वास भरें। घुटने बांई तरफ और गरदन दांई तरफ ले जाएं।
- श्वास छोड़ते हुए वापिस आएं। यह एक आवर्ती (राउंड) हुई।
- इस प्रकार दो या तीन आवर्तियां करें।
- आसन पूरा करने के बाद धीरे से मिले हुए पैरो को ऊपर उठाएं।
- धीरे धीरे पैरो को नीचे ले आएं।
- पैरों मे थोड़ा गैप रख कर विश्राम करें।
- दोनो पैरो को मिलाएं।
- हाथों को सिर की ओर ले जाएं।
- श्वास भरें। भरे श्वास मे हाथों को ऊपर की ओर तथा पैरों को नीचे की ओर खींचे।
- श्वास को बाहर निकालते हुए शरीर को ढीला छोड़ दे।
- हाथ नीचे कमर के साथ रखें।
- यह विश्राम करने का आसन है।
- यह आसन सभी आसन करने के बाद अंत मे किया जाता है।
- शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें
- श्वासो को सामान्य करे।
एक आसन करने के बाद विश्राम करें। दूसरे आसन मे जाने से पहले लम्बे गहरे श्वांस लेकर विश्राम करें। कुछ आसनों के पूरक आसन होते है उनका ध्यान रखें। मन को एकाग्र रखने का प्रयास करें। इसके लिए ध्यान को शरीर पर केंद्रित करें।
प्राणायाम Beginners के लिए :
शुरुआती (Beginners) प्राणायाम कैसे करें? पद्मासन या सुखासन मे बैठें। दोनो हाथ घुटनों पर ज्ञान मुद्रा मे रखें। लम्बा गहरा श्वांस ले और धीरे धीरे श्वास पूरी तरह खाली कर दें। इस प्रकार चार पांच आवर्तियां करे।
सरल प्राणायाम करे :
कुम्भक क्या है?
श्वास रोकने को "कुम्भक" कहते है। अस्थमा पीड़ित और हृदय रोगी व्यक्तियो के लिए कुम्भक वर्जित है। केवल स्वस्थ व्यक्ति ही कुम्भक लगाएं।
शुरुआती व्यक्तियों के लिये कुम्भक दो प्रकार के होते हैं :-
1.आन्तरिक कुम्भक
2.बाह्य कुम्भक
श्वास को अन्दर रोकना आन्तरिक कुम्भक और श्वास को बाहर रोकना बाह्य कुम्भक कहलाता है।
सरल प्राणायाम की विधि :
पद्मासन या सुखासन मे बैठें। लम्बा श्वास भरें और सुविधा पूर्वक जितनी देर तक श्वांस रोक सकते हैं रोकें और घुटन होने से पहले श्वांस खाली करे। सुविधानुसार कुछ देर खाली श्वांस मे रुके। यह एक आवर्ती हुई।
इस प्रकार दो या तीन आवर्तियां करे। कुछ दिनो तक यह अभ्यास करने के बाद आगे प्राणायाम आरम्भ करें।
मुख्य प्राणायाम
ये सभी सभी सरलता से किये जाने वाले प्राणायाम है।
(प्राणायाम के बारे मे अधिक जानकारी के लिए हमारे अन्य आलेखों का अवलोकन करें।)
सावधानी :--- कुम्भक केवल स्वस्थ व्यक्ति ही लगाए। नये साधक श्वास को अधिक देर तक ना रोकें। कुम्भक का अभ्यास धीरे धीरे बढाएं।
ध्यान शुरुआती। Meditation for Beginners
पद्मासन या सुखासन मे बैठें। दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा मे रखें। रीढ व गरदन को सीधा रखें। आँखें कोमलता से बन्ध कर लें।
ध्यान श्वास पर :- लम्बे-गहरे श्वास लें और छोड़ें। श्वांसों पर ध्यान को केन्द्रित करें। आती-जाती श्वांसों को अनुभव करें। श्वास किस प्रकार अंदर आ रही है और बाहर जा रही है, यह अवलोकन करते रहें। कुछ देर ध्यान को श्वासो पर केन्द्रित करने के बाद, आज्ञा चक्र मे ले जाएं।
ध्यान आज्ञा चक्र में :- ध्यान को श्वासो से हटाये और "आज्ञाचक्र" में केन्द्रित करें। यह स्थिति माथे के बीच मे होती है। बन्ध आंखों से माथे के मध्य वाले स्थान को निहारें। बन्ध आखों से ज्योती का अवलोकन करें। कुछ देर निर्विचार होकर बैठें।
धीरे धीरे ध्यान से वापिस आ जाये। सीधे लेटे। शवासन मे विश्राम करें।
निष्कर्ष :
आरम्भ मे नये व्यक्ति (Beginners) सरल आसन करें। प्राणायाम में कुम्भक का प्रयोग सावधानी से करे। अपने शरीर की क्षमता का ध्यान रखें। क्षमता से अधिक कोई क्रिया न करें।
Disclaimer :- योग क्रियाएं अपनी क्षमता के अनुसार करें। अस्वस्थ होने पर योगाभ्यास न करें। शुरुआती व्यक्ति प्रशिक्षक के निर्देशन मे अभ्यास करें।